
महराजगंज वृहस्पतिवार 17 नवंबर। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार लगातार यह दावा कर रही है कि प्रदेश में भ्रष्टाचार पर लगाम लग चुका है। उत्तर प्रदेश अब उत्तम प्रदेश बनने के तरफ अग्रसर हो रहा है लेकिन यह दावे कितना सही है इसका पता तब लगता है जब मामला धरातल से जुड़ा हो।बात करें अगर तो फिलहाल में पराली के ऊपर प्रदेश के तमाम आला अधिकारियों की नजर बनी हुई है कि किसान पराली ना जलाने पाए। लेकिन खाद को सरकारी दर से ज्यादा के रेट और गैरकानूनी तरीके से बेचने वाले दुकानदारों के ऊपर यही आला अधिकारी मेहरबान कैसे हो जाते हैं समझ से परे है। बता दें सरकार जो खाद किसानों को 1350 रुपए में देती है वही खाद कुछ दुकानदारों द्वारा अवैध तरीके से बाजार में 1600 रुपए में बेचा जा रहा है लेकिन जिम्मेदार मौन हैं। देखा जाए तो कहीं न कहीं पराली जलाने से काफी प्रदूषण हो रहा है इस लिए पराली जलाना गलत है। लेकिन सवाल खड़ा तब होता है जब इन्ही अधिकारियों के नाक के नीचे से कालाबाजारी कर किसानों से दूना पैसा वसूला जाता है और यही अधिकारी आंख बंद कर सब कुछ अनदेखा कर देते है और ऐसे लोगों के ऊपर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नही करते है। आए दिन खाद को लेकर नए नए दर सूची जारी किए जाते हैं लेकिन कुछ व्यापारियों द्वारा सभी नियमों को ताख पर रखकर सरकारी दर से काफी ज्यादा पैसा किसानों से लिया जाता है तब ये ईमानदार अधिकारी कहां सोते रहते हैं।
संपादक
मनोज कुमार द्विवेदी